आधार कार्ड अब केवल वयस्कों के लिए ही नहीं, बल्कि बच्चों के लिए भी पहचान का महत्वपूर्ण दस्तावेज़ बन गया है। UIDAI ने 2025 में बच्चों के आधार कार्ड अपडेट के लिए खास नियम बनाए हैं, ताकि उनके डाटा की सटीकता बनी रहे और सरकारी लाभों में कोई बाधा न आए। खास तौर पर 5 और 15 साल की उम्र पर आधार अपडेट करना अनिवार्य है। यह प्रक्रिया बच्चों के बायोमेट्रिक डाटा जैसे फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और फोटो की नवीनतम स्थिति को रिकॉर्ड करती है। समय-समय पर अपडेट न करने पर आधार न तो मान्य रहेगा, न ही इस पर आधारित योजनाओं का लाभ मिल पाएगा।
UIDAI द्वारा निर्धारित उम्र आधारित अपडेट नियम
UIDAI के अनुसार बच्चों के आधार कार्ड के दो बड़े अपडेट जरूरी हैं:
5 साल की उम्र पर पहला बायोमेट्रिक अपडेट:
इस आयु तक बाल आधार कार्ड (नीला रंग) जारी होता है, जिसमें बायोमेट्रिक नहीं लिया जाता। 5 साल पूरे होते ही बायोमेट्रिक डेटा जोड़ना जरूरी हो जाता है, जिसमें फिंगरप्रिंट, आइरिस और फोटो शामिल हैं।15 साल की उम्र पर दूसरा और अंतिम बायोमेट्रिक अपडेट:
इस समय बच्चे के फीचर्स स्थायी हो जाते हैं, इसलिए नया बायोमेट्रिक अनिवार्य होता है। इस अपडेट के बाद बच्चे का आधार वयस्क आधार के समान होता है।
यह नियम बच्चे की पहचान की विश्वसनीयता बढ़ाने के लिए बनाए गए हैं ताकि कोई भी डिजिटल या सरकारी सेवा में बाधा न आए।
बाल आधार कार्ड (नीला आधार) क्या है?
5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बाल आधार कार्ड जारी किया जाता है, जिसे ब्लू आधार भी कहा जाता है। यह कार्ड कुछ खास विशेषताओं के साथ आता है:
इसमें बच्चे के व्यक्तिगत बायोमेट्रिक डाटा शामिल नहीं होते।
बच्चे की तस्वीर माता-पिता या अभिभावक के आधार से लिंक की जाती है।
यह कार्ड अस्थायी होता है और केवल 5 साल तक मान्य रहता है।
इस अवधि के बाद फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन सहित अपडेट करवाना आवश्यक होता है।
इस ब्लू आधार कार्ड की मदद से छोटे बच्चों की पहचान सरकारी रिकॉर्ड्स में हो जाती है, लेकिन संशोधित बायोमेट्रिक्स के बिना कई सेवाओं में यह सीमित रहता है।
बच्चों का आधार अपडेट क्यों जरूरी है?
बच्चों के आधार कार्ड अपडेट करने के कई महत्वपूर्ण फायदे हैं:
स्कूल/कॉलेज एडमिशन में सुविधा
छात्रवृत्ति और सरकारी योजनाओं का लाभ
डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT) योजनाओं में आसानी
बैंक खाता खोलने और KYC प्रक्रिया में सहयोग
अपडेटेड बायोमेट्रिक्स से पहचान में भरोसेमंदता बढ़ती है और धोखाधड़ी से बचाव होता है।
अगर समय पर आधार अपडेट नहीं होगा, तो बच्चों को इन सुविधाओं से वंचित होना पड़ सकता है।
आधार अपडेट की प्रक्रिया और फीस
UIDAI ने बच्चों के आधार कार्ड के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए विशेष छूट दी है:
बच्चों के 5 से 7 वर्ष और 15 से 17 वर्ष के बायोमेट्रिक अपडेट पूर्णतया मुफ्त हैं।
फोटो और अन्य डेमोग्राफिक बदलाव के लिए निर्धारित शुल्क नहीं लिया जाएगा।
5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आधार बायोमेट्रिक फ्री होता है क्योंकि वे अपडेट के दायरे में नहीं आते।
यह छूट 1 अक्टूबर 2025 से शुरू होकर 1 अक्टूबर 2026 तक लागू रहेगी। यह पहल लगभग 6 करोड़ बच्चों को लाभान्वित करेगी और सभी अभिभावकों से अपील की गई है कि वे इस अवधि के भीतर अपने बच्चों का अपडेट जरूर करें।
बच्चों के आधार अपडेट कैसे करें?
नजदीकी आधार सेवा केंद्र जाएं:
अपने बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, माता-पिता का आधार कार्ड और संबंधित दस्तावेज़ साथ लेकर जाएं।
फॉर्म भरें और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन करवाएं:
बच्चे का फिंगरप्रिंट, आइरिस स्कैन और ताजा फोटो लिए जाएंगे।
रसीद प्राप्त करें:
अपडेट के बाद आपको रसीद और URN नंबर मिलेगा जिससे ऑनलाइन स्टेटस ट्रैक करना संभव होगा।
स्टेटस चेक करें और नया आधार डाउनलोड करें:
ऑनलाइन या मोबाइल ऐप से आधार अपडेट का स्टेटस जांचें।
अपडेट पूरा होने पर नया आधार डाउनलोड करें।
यह प्रक्रिया फ्री है और जल्द से जल्द करवा लेना चाहिए ताकि आगे चलकर किसी परेशानी से बचा जा सके।
माता-पिता/अभिभावकों के लिए UIDAI की खास अपील
UIDAI ने कहा है कि सभी माता-पिता और अभिभावक अपने बच्चों के आधार कार्ड को अपडेट करने के लिए जल्द से जल्द नजदीकी आधार केंद्र पर जाएं। मुफ्त बायोमेट्रिक अपडेट से न केवल सरकारी सेवाओं की सुविधा मिलती है बल्कि बच्चों की डिजिटल पहचान भी सुदृढ़ होती है।
- अपडेट न करने पर आधार निष्क्रिय हो सकता है।
- इससे बच्चों को छात्रवृत्ति, सरकारी सहायता और शिक्षा से संबंधित अन्य लाभ प्राप्त करने में दिक्कत आएगी।
- समय पर अपडेट कराना बच्चों का सुरक्षित और प्रमाणित पहचान सुनिश्चित करता है।
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